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भारत में यहां बन रहा दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट, चीन भी नहीं कर सकता इसका मुकाबला - Download This Video



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भारत में यहां बन रहा दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट, चीन भी नहीं कर सकता इसका मुकाबला। उत्तर प्रदेश के जेवर में जल्द ही दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनकर तैयार हो जाएगा। इस लिहाज से जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट भारत का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बन जाएगा। अभी तक दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भारत का सबसे बड़ा एयरपोर्ट है। दिल्ली एयरपोर्ट के मुकाबले जेवर एयरपोर्ट का क्षेत्रफल दोगुना होगा। आधुनिक सुविधाओं से लैस होने के साथ एयरपोर्ट पर हवाई जहाजों की पार्किंग के लिए भी काफी जगह होगी। इस मामले में पड़ोसी देश चीन भी कहीं नहीं ठहरता है, जबकि सऊदी अरब और अमेरिका के दो एयरपोर्ट के बाद इसका नंबर होगा। अब तक बेहतरीन और बड़े एयर पोर्ट में इन्हीं दोनों देशों के एयर पोर्ट को शुमार किया जाता था। आईजीआई के बाद दिल्ली-एनसीआर के जेवर इलाके में दूसरा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का निर्माण प्रस्तावित है। संचालन शुरू होने के साथ जेवर एयरपोर्ट के नाम देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होने का रिकॉर्ड भी दर्ज हो जाएगा। IGI इंदिरा गांधी एयरपोर्ट क्षेत्रफल के लिहाज से जेवर से काफी पीछे रह जाएगा। आईजीआई का क्षेत्रफल 2066 हेक्टेयर है। नवी मुंबई में बनने जा रहे एयरपोर्ट का क्षेत्रफल भी 2320 हेक्टेयर है, जबकि जेवर एयरपोर्ट पांच हजार हेक्टेयर में बनेगा। जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से 2050 तक सालाना बीस करोड़ यात्री हवाई सफर करेंगे। इस मामले में भी जेवर एयरपोर्ट आईजीआई को पीछे छोड़ देगा। आईजीआई से वर्तमान में छह करोड़ यात्री सालाना हवाई सफर करते हैं। 2022-23 तक यात्री संख्या बढ़कर दस करोड़ सालाना अधिकतम होने का अनुमान है। इसके बाद यहां यात्री संख्या बढ़ाने की गुंजाइश समाप्त हो जाएगी। जेवर एयरपोर्ट से विमान सेवाओं का संचालन भी 2023-24 में शुरू होने की उम्मीद है। शुरुआत में जेवर से आठ करोड़ सालाना यात्रियों के हवाई यात्रा करने का अनुमान है। साल दर साल यात्री संख्या में इजाफा होगा। आईजीआई की क्षमता पूरी होने के बाद जेवर एयरपोर्ट पर उड़ान सेवाओं के बढ़ने के साथ यात्री संख्या भी बढ़ेगी। जेवर एयरपोर्ट का पहला चरण तीन हजार हेक्टेयर का होगा। इसमें दो रनवे तैयार किए जाएंगे। एक रन वे जहाजों के उड़ान भरने व दूसरा उतरने के लिए होगा। यात्रियों का दबाव बढ़ने एवं उड़ान संख्या बढ़ने पर विस्तार का दूसरा चरण होगा। हालांकि आईजीआई पर तीन रनवे से जहाज उड़ान भरते व उतरते हैं।

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